Child Aadhaar Service to Be Started Through CSC

0-5 वर्ष के बच्चों के आधार पंजीकरण की पहल: CSC VLEs की भूमिका और संभावनाएं आधार कार्ड हर भारतीय नागरिक की पहचान के लिए आवश्यक दस्तावेज है। वर्तमान में 0-5 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों के लिए “बाल आधार” पंजीकरण को सरल और सुगम बनाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। इस संदर्भ में विशेष सूत्रो से मिली जानकारी के आधार पर जल्द ही , Common Service Center (CSC) के VLEs (Village Level Entrepreneurs) के माध्यम से यह कार्य पुनः शुरू किया जा सकता है।

बाल आधार: विशेषताएँ और प्रक्रिया

  1. बाल आधार की विशेषता:

    • 0-5 वर्ष के बच्चों के लिए “बाल आधार” नीले रंग का होगा।
    • इस आयु वर्ग में बायोमेट्रिक जानकारी नहीं ली जाती। बाल आधार को माता-पिता के आधार से लिंक किया जाता है।
    • बच्चे के 5 और 15 वर्ष की उम्र पूरी करने पर बायोमेट्रिक अपडेट की आवश्यकता होती है।

  1. पंजीकरण प्रक्रिया:

    • VLEs बच्चों के पंजीकरण के लिए माता-पिता को नजदीकी आधार केंद्र पर जाने के लिए मार्गदर्शन देंगे।
    • माता-पिता को अपना आधार और बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र साथ लाना होगा।
    • नामांकन के बाद, आधार संख्या पंजीकृत मोबाइल नंबर पर सूचित की जाएगी।

CSC के माध्यम से आधार नामांकन की भूमिका

CSC के VLEs आधार नामांकन प्रक्रिया को ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। आगामी बाल आधार पंजीकरण प्रक्रिया में भी इनकी भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी:

  • सेवाओं की प्राथमिकता: CSC के माध्यम से अन्य सेवाओं जैसे Aadhaar UCL, बैंकिंग (Bank BC), डिजीपे, बीमा (Fasal Beema), शिक्षा, और ऋण (Loan) में सक्रिय VLEs को इस प्रक्रिया में वरीयता दी जाएगी।
  • तकनीकी सहयोग: बाल आधार पंजीकरण की प्रक्रिया को आसान और समयबद्ध बनाने के लिए CSC प्लेटफॉर्म पर तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
  • जन जागरूकता: VLEs ग्रामीण इलाकों में आधार की महत्ता और इसके लाभों के प्रति जागरूकता फैलाने में सहयोग करेंगे।

 

CSC सेवाओं से जुड़े VLEs के लिए संभावनाएं

CSC द्वारा दी जा रही सेवाओं के विस्तार से VLEs के लिए नए अवसर खुल रहे हैं:

  • डिजिटल समावेशन: VLEs ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में आधार पंजीकरण और अन्य डिजिटल सेवाओं को सुलभ बना रहे हैं।
  • आर्थिक विकास: इन सेवाओं के माध्यम से VLEs अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं।
  • समाज में योगदान: बाल आधार जैसी सेवाओं से VLEs सामाजिक पहचान और विकास में योगदान देते हैं।

निष्कर्ष

CSC के माध्यम से बाल आधार पंजीकरण की शुरुआत एक सकारात्मक कदम है, जिससे डिजिटल भारत के लक्ष्य को साकार करने में मदद मिलेगी। VLEs की भूमिका इस प्रक्रिया में अहम होगी, जिससे बच्चों के आधार पंजीकरण में पारदर्शिता और गति आएगी।

संदेश: VLEs इस अवसर का लाभ उठाकर ग्रामीण विकास और डिजिटल सेवाओं को मजबूत कर सकते हैं।

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